Sunday 27 November 2016

   "द आइडेंटिटी" की घोषणा - अब सांसी भाषा में बनेगी दुनिया की पहली फिल्म               


विश्व में लगभग 6500 भाषाएँ हैं. सैकड़ो भाषा बोली बोलनेवाले लोग अपने भारत देश में हैं. भारतीय सिनेमा में अब तक 45 भाषाओँ में फिल्म का निर्माण हुआ है. गोवा के मांडवी तट पर इन दिनों 47वा अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव चल रहा है. जिसमे 88 देशों की 194 फिल्मो का प्रदर्शन विविध भाषाओँ में हुआ है. अपने देश में बोली जानेवाली भाषाओँ में एक सांसी बोली भी है. हालाँकि इस बोली को बोलनेवाले देश-विदेश में हैं और अपने देश में इनकी जनसँख्या एक करोड़ से ज्यादा है. अब इस बोली की पहली फिल्म बनाने की पहल एक युवा पत्रकार, फिल्म समीक्षक, निर्देशक शामी एम्. इरफ़ान ने की है. इरफ़ान इफ्फी महोत्सव में आये हैं और इफ्फी 2016 महोत्सव में ही सांसी बोली की पहली फिल्म बनाने की घोषणा  की है. 

पत्रकार और फिल्म  निर्देशक शामी एम्. इरफ़ान ने बताया कि, फिल्म का टाइटल "द आइडेंटिटी' है. इस फिल्म की शूटिंग हरयाणा, पंजाब, दिल्ली, राजस्थान, गुजरात,  मुम्बई और गोवा में की जाएगी. फिल्म का कथानक सत्य घटना पर आधारित है. सांसी समाज की 36 उप-जातियां हैं. इस जाति के लोग अशिक्षित और पिछड़े हुए हैं. कोई ढंग का कार्य नहीं करते. भारतीय संविधान में सांसी को 'क्रिमिनल ट्राइब' कहा गया है. इनके समाज से पढ़-लिखकर कुछ बन जानेवाले नाम-जाति बदल लेते हैं और अपनी पहचान छिपाते हैं. एक व्यक्ति इस समाज की रीति-रिवाजों से लड़कर पढ़-लिखकर एक बैंक अधिकारी बना है और वह यह बताने से संकोच नहीं करता कि, वह सांसी समाज से है. वही व्यक्ति इस फिल्म का नायक है. वह व्यक्ति इस समय गोवा में ही पोस्टेड है. 

फिल्म निर्देशक शामी एम्. इरफ़ान ने एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि, फिल्म का टाइटल पंजीकृत हो चुका है. यह फिल्म सांसी बोली में बनेगी. इस फिल्म का निर्माण एच. एन. ड्रीम्स और अंजुम तरन्नुम आर्ट्स के बैनर तले होगा. फिल्म के निर्माता ए. एस. भाना हैं. फिल्म का संवाद अमर सिंह लिख रहे हैं, जो सांसी समाज के भेड़ गुट से हैं और एक सोशल वर्कर भी हैं. फिल्म के कास्ट-क्रेडिट्स का चयन किया जा रहा है.सहयोग व् कार्य करने के इच्छुक व्यक्ति संपर्क कर सकते हैं.

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