जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा है अक्षय कुमार को पहली फिल्म में ब्रेक देनेवाले निर्माता
फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार को सन 1991 में अपनी फिल्म "द्वारपाल "में में पहली बार ब्रेक देनेवाले निर्माता रवि श्रीवास्तव की दोनों किडनियां ख़राब हो गयी हैं, उनके पास दवाई और उपचार के लिए पैसे नहीं हैं, जिसके कारण आज रवि श्रीवास्तव पैसों के आभाव में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं।उनकी मदद करनेवाला कोई नहीं है लाचार रवि श्रीवास्तव ओशिवारा स्थित म्हाडा में किराये के मकान में कुछ मित्रों की मदद से किसी प्रकार अपनी जिंदगी बसर कर रहे हैं।
बतादे की बॉलीबुड को मायानगरी कहा जाता है यहाँ रुपहले पर्दे की चका चौध दूर दराज के गॉव में रहनेवाली प्रतिभा को अपनी तरफ खिंच कर मुम्बई लाने का काम करती है, महज 14 साल की उम्र में उत्तर प्रदेश के जौनपुर से रवि श्रीवास्तव रोजी रोटी की तलाश में मुम्बई आये थे, माता -पिता का साया उनके बचपन में ही उनके सीर से उठ गया था। मुम्बई में काफी संघर्ष के बाद रवि श्रीवास्तव को फिल्मों में पब्लिसिटी डिज़ाइनर का काम मिला उन्होंने कई नाम चीन हिट फिल्मों का पोस्टर अपने हाथों से डिजाइन किया है, अजय देवगन , रोनित रॉय,परेश रावल जैसे कई कलाकारों को फिल्मो में काम दिलवाया जो आज बॉलीबुड पर राज कर रहें है।अपनी खून पसीने की कमाई से रवि श्रीवास्तव ने द्वारपाल नामक हिंदी फिल्म सन 1991 में अक्षय कुमार,परेश रावल, कादर खान को लेकर शुरू किया । परन्तु सन 1992 में मुंबई बम ब्लास्ट के बाद पूरे बॉलीबुड में मानों भूचाल सा आया और निर्माता रवि श्रीवास्तव एकदम दिवालिया हो गए उनकी फिल्म द्वारपाल आज भी अधूरी लटकी है, उन्होंने फिर अक्षय कुमार को अपने मित्र की फिल्म सौगंध में काम दिलवाया आज वह सुपर स्टार हैं, लेकिन रवि श्रीवास्तव मौत की दवाई के लिए भी मोहताज़ हो गए है, उन्होंने मदद के लिए इम्पा सहित कई फिल्म यूनियनों में गुहार लगायी है किंतु अभीतक कही से कोई भी मदद नहीं मिल पाई है।
फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार को सन 1991 में अपनी फिल्म "द्वारपाल "में में पहली बार ब्रेक देनेवाले निर्माता रवि श्रीवास्तव की दोनों किडनियां ख़राब हो गयी हैं, उनके पास दवाई और उपचार के लिए पैसे नहीं हैं, जिसके कारण आज रवि श्रीवास्तव पैसों के आभाव में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं।उनकी मदद करनेवाला कोई नहीं है लाचार रवि श्रीवास्तव ओशिवारा स्थित म्हाडा में किराये के मकान में कुछ मित्रों की मदद से किसी प्रकार अपनी जिंदगी बसर कर रहे हैं।
बतादे की बॉलीबुड को मायानगरी कहा जाता है यहाँ रुपहले पर्दे की चका चौध दूर दराज के गॉव में रहनेवाली प्रतिभा को अपनी तरफ खिंच कर मुम्बई लाने का काम करती है, महज 14 साल की उम्र में उत्तर प्रदेश के जौनपुर से रवि श्रीवास्तव रोजी रोटी की तलाश में मुम्बई आये थे, माता -पिता का साया उनके बचपन में ही उनके सीर से उठ गया था। मुम्बई में काफी संघर्ष के बाद रवि श्रीवास्तव को फिल्मों में पब्लिसिटी डिज़ाइनर का काम मिला उन्होंने कई नाम चीन हिट फिल्मों का पोस्टर अपने हाथों से डिजाइन किया है, अजय देवगन , रोनित रॉय,परेश रावल जैसे कई कलाकारों को फिल्मो में काम दिलवाया जो आज बॉलीबुड पर राज कर रहें है।अपनी खून पसीने की कमाई से रवि श्रीवास्तव ने द्वारपाल नामक हिंदी फिल्म सन 1991 में अक्षय कुमार,परेश रावल, कादर खान को लेकर शुरू किया । परन्तु सन 1992 में मुंबई बम ब्लास्ट के बाद पूरे बॉलीबुड में मानों भूचाल सा आया और निर्माता रवि श्रीवास्तव एकदम दिवालिया हो गए उनकी फिल्म द्वारपाल आज भी अधूरी लटकी है, उन्होंने फिर अक्षय कुमार को अपने मित्र की फिल्म सौगंध में काम दिलवाया आज वह सुपर स्टार हैं, लेकिन रवि श्रीवास्तव मौत की दवाई के लिए भी मोहताज़ हो गए है, उन्होंने मदद के लिए इम्पा सहित कई फिल्म यूनियनों में गुहार लगायी है किंतु अभीतक कही से कोई भी मदद नहीं मिल पाई है।
No comments:
Post a Comment