फिल्म 'ए दिल है मुश्किल' की रिलीज की राह से तो मुश्किलें हट गई हैं, लेकिन महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे अब घिरते नजर आ रहे हैं। मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस, करन जौहर और मुकेश भट्ट के साथ मीटिंग के बाद राज ठाकरे ने जिस तरह अपनी जीत का ऐलान किया और आर्मी वेलफेयर फंड में पांच करोड़ रुपये दिलवाने को अपनी उपलब्धि के तौर पर पेश किया वो दरअसल एक छलावा था। इसे राज ठाकरे अपना और अपनी पार्टी का चेहरा बचाने के लिए रच रहे थे। दरअसल, सीएम के साथ मीटिंग में न तो राज ठाकरे ने ऐसा कोई प्रस्ताव दिया और न ही फिल्म इंडस्ट्री की ओर से ऐसा कोई आश्वासन मिला।
मीटिंग के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरे घर में प्रोड्यूसर गिल्ड और मनसे प्रमुख राज ठाकरे के साथ बैठक हुई। प्रोड्यूसर गिल्ड ने हमें बताया कि जब इस फिल्म की शुरुआत की गई थी तब हालात अलग थे। उस वक्त पुरानी सरकार थी और कल्चरल एक्सचेंज के लिए और पड़ोसी देश से अच्छे संबध बनाने के लिए पड़ोसी देश के कलाकारों को लिया गया था, लेकिन आज हालात अलग हैं। सीमा पार से वो हमपर फायरिंग कर रहे हैं, हमारी फिल्मों पर बैन लगा रहे हैं, हमारे मीडिया पर बैन लगा रहे हैं तो ऐसे में उनसे कोई सहयोग नहीं किया जाएगा। प्रोड्यूसर गिल्ड ने एक पेशकश की कि वे शहीदों के परिवारों के लिए सैनिक कल्याण निधि के तहत एक रकम जमा कराना चाहते हैं, साथ ही फिल्म की शुरुआत में शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाएगी।
सीएम के मुताबिक इस पूरी मीटिंग के दौरान मैंने कहा कि आपकी देशभक्ति का मैं समर्थन करता हूं। ऐसे में आप अपनी मर्जी से सैनिक कल्याण निधि में जो रकम जमा करना चाहते हैं वो, डिफेंस मिनिस्ट्री से मिलकर दे सकते हैं। सीएम के इस बयान ने राज ठाकरे की पोल खुल गई है, क्योंकि बैठक के तुरंत बाद राज ठाकरे ने मीडिया से कहा था कि उनकी जीत हुई है। उनकी सारी बात मान ली गई हैं। अब आगे से कोई पाक कलाकार नहीं लिया जाएगा और जो फिल्में बन गई हैं उनके निर्माता सेना फंड में पांच करोड़ रुपये देंगे। राज ठाकरे का इशारा शाहरुख खान की फिल्म रईस और डियर जिंदगी की ओर था जबकि ऐसी कोई बात ही मीटिंग में नहीं हुई और न ही रकम पांच करोड़ होगी या कुछ और, इसपर कोई फैसला हुआ।
खुद एडिटर्स गिल्ड के मुकेश भट्ट ने भी इस बात की पुष्टि की। जब उनसे पूछा कि पांच करोड़ देने का प्रस्ताव किसने रखा? तो उनका जवाब था कि सीएम ने आर्मी फंड में मदद देने का प्रस्ताव रखा और कहा कि आप जो कुछ भी देना चाहते है दें, मन से जो देना चाहे दें आर्मी फंड में, हमने इसे मान लिया। क्या प्रस्ताव राज ठाकरे ने दिया था? इस सवाल पर मुकेश भट्ट ने साफ कहा, नहीं, प्रस्ताव सीएम फड़णवीस ने सुझाव के तौर पर दिया था। किसी भी शख्स से जबरदस्ती नहीं की जा सकती। ये तो मन से देना होता होता है। कोई भी शख्स अगर कोई पैसा देता है तो पब्लिसिटी नहीं करता। ये पांच करोड़ का आंकड़ा कहां से आया? मैं भी मीडिया से ये बात सुन रहा हूं ऐसा कोई आंकड़ा नहीं आया और किसी ने इसकी बात तक नहीं की।
खुद एडिटर्स गिल्ड के मुकेश भट्ट ने भी इस बात की पुष्टि की। जब उनसे पूछा कि पांच करोड़ देने का प्रस्ताव किसने रखा? तो उनका जवाब था कि सीएम ने आर्मी फंड में मदद देने का प्रस्ताव रखा और कहा कि आप जो कुछ भी देना चाहते है दें, मन से जो देना चाहे दें आर्मी फंड में, हमने इसे मान लिया। क्या प्रस्ताव राज ठाकरे ने दिया था? इस सवाल पर मुकेश भट्ट ने साफ कहा, नहीं, प्रस्ताव सीएम फड़णवीस ने सुझाव के तौर पर दिया था। किसी भी शख्स से जबरदस्ती नहीं की जा सकती। ये तो मन से देना होता होता है। कोई भी शख्स अगर कोई पैसा देता है तो पब्लिसिटी नहीं करता। ये पांच करोड़ का आंकड़ा कहां से आया? मैं भी मीडिया से ये बात सुन रहा हूं ऐसा कोई आंकड़ा नहीं आया और किसी ने इसकी बात तक नहीं की।
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