केवीआईसी, लक्मे फैशन वीक विंटर / फेस्टिव 2019 में महात्मा गांधी के 150 साल पूरे होने का जश्न मनाएगा
भारतीय वस्त्र विरासत का प्रतीक, खादी को हाथ से कते होने, हाथ से बुने तथा सही मायने में धारण करने योग्य होने की अपनी विशिष्टता के कारण खादी का वर्षों से अहम स्थान रहा है । महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती मनाने और भारतीय स्वतंत्रता के इस वस्त्र का जश्न मनाने के लिए खादी और ग्रामोद्योग आयोग ने हाथ से कते और हाथ से बुने हुए रेशम व खादी वस्त्रों के विशेष संग्रह तथा उनके प्रदर्शन के लिए लैक्मे फ़ैशन वीक-विंटर / फेस्टिव 2019 के दूसरे दिन 3 युवा डिजाइनरों-गौरव खानीजो, अनुज भूटानी तथा पल्लवी भयानी के साथ सहयोग लेना सुनिश्चित किया है ।
इस सहभागी के तौर पर तीनों डिजाइनरों को खादी और ग्रामोद्योग आयोग के माध्यम से कारीगरों के साथ जुड़ने और आसानी से उपलब्ध परिधान संग्रह बनाने का अवसर मिलेगा, जो देश भर के चुनिंदा केवीआईसी के खादी इण्डिया स्टोर्स में उपलब्ध होगा।
डिजाइनर अनुज भूटानी पुरुषों और महिलाओं के लिए एक संग्रह का प्रदर्शन करेंगे जो कि कपड़े की समन्वेषण, वस्त्र तथा इसकी स्थिरता पर ध्यान देने के साथ ’आरामदायक विशिष्ट वस्त्र’ प्रदान करता है। लेबल “खानिजो” के डिजाइनर गौरव खानीजो, एक संग्रह पेश करेंगे जो हमारे भविष्य के परिधानों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है एवं ‘लेबल थ्री’ की डिजाइनर पल्लवी ध्यानी को सिल्हूट दिखाते हुए देखा जा सकेगा जो आधुनिक, न्यूनतम और उपयोगिता वाले हैं। यह रेंज लेबल को पहली बार मेन्सवियर संग्रह में रखा जाएगा ।
केवीआईसी के अध्यक्ष श्री विनय कुमार सक्सेना ने पहले ही कई अवसरों पर कहा है कि “खादी भविष्य का वस्त्र है । अपने अनूठे इको-फ्रेंडली स्वभाव और परिपूर्ण तथा शोख रंग युक्त वस्त्र गुणों के कारण खादी एक स्टाइलिश रिवायत बन गई है जो अब डिजाइनरों द्वारा लोकप्रिय रूप से आत्मसात की जा रही है । लंबी और कठिन लड़ाई के बाद मिली स्वतन्त्रता के लिए खादी का उपयोग भारतीयता की पहचान के लिए एक उपकरण के रूप उपयोग में किया गया । पिछले 72 वर्षों से लेकर अब तक खादी वस्त्र सभी अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं के पार भी रचनात्मक सोच को प्रेरित और अचंभित करता है । “फैब्रिक ऑफ़ इंडिया” के नाम से जानी जाने वाली, खादी अपने आप में एक संस्कृति साबित हुई है, जो सही मायने में हमारे देश की उपलब्धियों का गौरव बनती है।
खादी में नवाचार अब व्यापक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ध्यान आकर्षित कर रहे हैं । युवा और प्रसिद्ध फैशन डिजाइनर खादी में नवाचार कर रहे हैं और खादी के प्रति आकर्षण को एक नया मोड़ दे रहे हैं। वस्त्र में नए रंगों का चयन एवं विस्तार, कटिंग, सिलाई के तरीकों में पश्चिमीकरण को शामिल करना, और अपने आप में नए रुझानों का निर्माण करना, खादी वस्त्र ने भविष्य में पहने जाने वाले परिधानों के रूप में खुद को ढाल लिया है। ”
सहभागिता पर टिप्पणी करते हुए आईएमजी रिलायंस के फैशन के प्रमुख और उपाध्यक्ष श्री जसप्रीत चंडोक ने कहा कि महात्मा गांधी की जयंती के 150 वर्ष पूरे होने पर जश्न मनाने के लिए खादी और ग्रामोद्योग आयोग के साथ एक बार फिर से साथ आना हमारे लिए गौरव की बात है । खादी और ग्रामोद्योग आयोग द्वारा डिजाइनर खनीजो, अनुज भूटानी और पल्लवी ध्यानी के साथ मिलकर अपना अनूठा संग्रह प्रदर्शित करने पर हमें गौरव की अनुभूति हो रही है जो बड़े पैमाने पर उपभोक्ताओं द्वारा उनकी जीवन शैली मे शामिल होने के लिए तैयार है।
खादी और ग्रामोद्योग आयोग, खादी, ग्रामोद्योग तथा हस्तनिर्मित उत्पादों के लिए भारत का सबसे बड़ा मंच है जिसे अप्रैल 1957 में भारत सरकार के अधीन गठित किया गया था। यह सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के अंतर्गत ग्रामीण विकास के लिए जहाँ भी आवश्यक हो ग्रामीण विकास में लगी अन्य एजेंसियों के साथ समन्वय कर खादी और ग्रामोद्योग की स्थापना, विकास योजना, प्रचार, सुविधा, प्रायोजन तथा अन्य सहायता के लिए स्थापित एक सांविधिक निकाय व सर्वोच्च संगठन है ।
लक्मे फैशन वीक-विंटर / फेस्टिवल 2019, का आयोजन 21 से 25 अगस्त 2019 तक होगा।
भारतीय वस्त्र विरासत का प्रतीक, खादी को हाथ से कते होने, हाथ से बुने तथा सही मायने में धारण करने योग्य होने की अपनी विशिष्टता के कारण खादी का वर्षों से अहम स्थान रहा है । महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती मनाने और भारतीय स्वतंत्रता के इस वस्त्र का जश्न मनाने के लिए खादी और ग्रामोद्योग आयोग ने हाथ से कते और हाथ से बुने हुए रेशम व खादी वस्त्रों के विशेष संग्रह तथा उनके प्रदर्शन के लिए लैक्मे फ़ैशन वीक-विंटर / फेस्टिव 2019 के दूसरे दिन 3 युवा डिजाइनरों-गौरव खानीजो, अनुज भूटानी तथा पल्लवी भयानी के साथ सहयोग लेना सुनिश्चित किया है ।
इस सहभागी के तौर पर तीनों डिजाइनरों को खादी और ग्रामोद्योग आयोग के माध्यम से कारीगरों के साथ जुड़ने और आसानी से उपलब्ध परिधान संग्रह बनाने का अवसर मिलेगा, जो देश भर के चुनिंदा केवीआईसी के खादी इण्डिया स्टोर्स में उपलब्ध होगा।
डिजाइनर अनुज भूटानी पुरुषों और महिलाओं के लिए एक संग्रह का प्रदर्शन करेंगे जो कि कपड़े की समन्वेषण, वस्त्र तथा इसकी स्थिरता पर ध्यान देने के साथ ’आरामदायक विशिष्ट वस्त्र’ प्रदान करता है। लेबल “खानिजो” के डिजाइनर गौरव खानीजो, एक संग्रह पेश करेंगे जो हमारे भविष्य के परिधानों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है एवं ‘लेबल थ्री’ की डिजाइनर पल्लवी ध्यानी को सिल्हूट दिखाते हुए देखा जा सकेगा जो आधुनिक, न्यूनतम और उपयोगिता वाले हैं। यह रेंज लेबल को पहली बार मेन्सवियर संग्रह में रखा जाएगा ।
केवीआईसी के अध्यक्ष श्री विनय कुमार सक्सेना ने पहले ही कई अवसरों पर कहा है कि “खादी भविष्य का वस्त्र है । अपने अनूठे इको-फ्रेंडली स्वभाव और परिपूर्ण तथा शोख रंग युक्त वस्त्र गुणों के कारण खादी एक स्टाइलिश रिवायत बन गई है जो अब डिजाइनरों द्वारा लोकप्रिय रूप से आत्मसात की जा रही है । लंबी और कठिन लड़ाई के बाद मिली स्वतन्त्रता के लिए खादी का उपयोग भारतीयता की पहचान के लिए एक उपकरण के रूप उपयोग में किया गया । पिछले 72 वर्षों से लेकर अब तक खादी वस्त्र सभी अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं के पार भी रचनात्मक सोच को प्रेरित और अचंभित करता है । “फैब्रिक ऑफ़ इंडिया” के नाम से जानी जाने वाली, खादी अपने आप में एक संस्कृति साबित हुई है, जो सही मायने में हमारे देश की उपलब्धियों का गौरव बनती है।
खादी में नवाचार अब व्यापक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ध्यान आकर्षित कर रहे हैं । युवा और प्रसिद्ध फैशन डिजाइनर खादी में नवाचार कर रहे हैं और खादी के प्रति आकर्षण को एक नया मोड़ दे रहे हैं। वस्त्र में नए रंगों का चयन एवं विस्तार, कटिंग, सिलाई के तरीकों में पश्चिमीकरण को शामिल करना, और अपने आप में नए रुझानों का निर्माण करना, खादी वस्त्र ने भविष्य में पहने जाने वाले परिधानों के रूप में खुद को ढाल लिया है। ”
सहभागिता पर टिप्पणी करते हुए आईएमजी रिलायंस के फैशन के प्रमुख और उपाध्यक्ष श्री जसप्रीत चंडोक ने कहा कि महात्मा गांधी की जयंती के 150 वर्ष पूरे होने पर जश्न मनाने के लिए खादी और ग्रामोद्योग आयोग के साथ एक बार फिर से साथ आना हमारे लिए गौरव की बात है । खादी और ग्रामोद्योग आयोग द्वारा डिजाइनर खनीजो, अनुज भूटानी और पल्लवी ध्यानी के साथ मिलकर अपना अनूठा संग्रह प्रदर्शित करने पर हमें गौरव की अनुभूति हो रही है जो बड़े पैमाने पर उपभोक्ताओं द्वारा उनकी जीवन शैली मे शामिल होने के लिए तैयार है।
खादी और ग्रामोद्योग आयोग, खादी, ग्रामोद्योग तथा हस्तनिर्मित उत्पादों के लिए भारत का सबसे बड़ा मंच है जिसे अप्रैल 1957 में भारत सरकार के अधीन गठित किया गया था। यह सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के अंतर्गत ग्रामीण विकास के लिए जहाँ भी आवश्यक हो ग्रामीण विकास में लगी अन्य एजेंसियों के साथ समन्वय कर खादी और ग्रामोद्योग की स्थापना, विकास योजना, प्रचार, सुविधा, प्रायोजन तथा अन्य सहायता के लिए स्थापित एक सांविधिक निकाय व सर्वोच्च संगठन है ।
लक्मे फैशन वीक-विंटर / फेस्टिवल 2019, का आयोजन 21 से 25 अगस्त 2019 तक होगा।
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