ऐसा नहीं है कि पुरुषों की दुनिया में महिला आ गई है या महिलाओं की दुनिया में पुरुष! यह बस एक प्रण है एक समान होने और एक समान नज़र आने का, और शाल्मली खोलगडे के सबसे पहले स्वतंत्र एकल गाने का यही मूल मंत्र है। इस गाने का शीर्षक है - ऐ। शाल्मली जिन्होंने बॉलीवुड को कुछ बेहद यादगार और बहुचर्चित गाने दिए हैं अब एक स्वतंत्र कलाकार के रूप में अपनी पहचान बनाने की तैयारी में है। चूँकि ऐ उनका पहला एकल गीत है, यह गाना लैंगिक समानता को व्यक्त करता हैं और किसी भी तरह का भेदभाव न हो इस बात की पुष्टि करता है। यह महिलाओं के श्रेष्ठ होने का तर्क नहीं है बल्कि दोनों लिंगों में समानता रखने का एक विचार है!
इस विडियो को शाल्मली ने ख़ुद निर्देशित किया है और गाने को भी इस प्रतिभाशाली संगीतकार ने रचा है। इसके तुरंत बाद दो और गाने रिलीज़ के लिए तैयार हैं। ऐ का नृत्य-निर्देशन और इसके दृश्य बहुत अच्छे हैं जो लैंगिक समानता की इसकी मौलिक अवधारणा पर बल देते हैं।
इस गाने और विडियो की पेशकश पर बोलते हुए, शाल्मली ने कहा, "मैंने इस काम को करने के लिए बहुत इंतज़ार किया है। इसका परिणाम चाहे जो भी हो, इस गाने के साथ अपने स्वतंत्र करियर की शुरआत करना मुझे संतुष्टि प्रदान करता है।"
No comments:
Post a Comment